कहाँ उन्हें पता था-
कि खींच ली जाएगी,
रूह तक, इस जिस्म से,
कि कफन भी, उन्हें न मिलेगी,
खुद में, सिमटने के लिए,
कि दफन, हो जाएँगे,
वे भी, किसी अखबार में,
किसी लावारिस की तरह......
क्योंकि -
जुर्म जो किया था -
उन्होने इस समाज से,
खिलाफत, जो करने की,
रिवाजों, से लड़ने की।
कसम ली थी, दोनों ने,
संग जीने-मरने की............
कि खींच ली जाएगी,
रूह तक, इस जिस्म से,
कि कफन भी, उन्हें न मिलेगी,
खुद में, सिमटने के लिए,
कि दफन, हो जाएँगे,
वे भी, किसी अखबार में,
किसी लावारिस की तरह......
क्योंकि -
जुर्म जो किया था -
उन्होने इस समाज से,
खिलाफत, जो करने की,
रिवाजों, से लड़ने की।
कसम ली थी, दोनों ने,
संग जीने-मरने की............